Janaushadhi Suvidha Pads @ ₹1 – Women’s Hygiene Made Affordable in 2025
जनऔषधि सुविधा (Janaushadhi Suvidha) सैनिटरी नैपकिन योजना 2025 क्या है?
जनऔषधि सुविधा योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत महिलाओं को सिर्फ ₹1 में सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जाते हैं। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को स्वच्छता, स्वास्थ्य और मासिक धर्म के समय उचित देखभाल के लिए सस्ते दामों पर नैपकिन उपलब्ध कराना है।
Contents
- Janaushadhi Suvidha Pads @ ₹1 – Women’s Hygiene Made Affordable in 2025
- जनऔषधि सुविधा (Janaushadhi Suvidha) सैनिटरी नैपकिन योजना 2025 क्या है?
- 🔹 मुख्य उद्देश्य:
- मूल्य और उपलब्धता:
- जन औषधि केंद्र कहाँ हैं?
- योजना की खास बातें (2025 अपडेट):
- महत्वपूर्ण बातें:
- क्या है दावा किया गया गुण / मानक?
- संभावित कमियाँ / उपयोगकर्ता अनुभव
- निष्कर्ष
🔹 मुख्य उद्देश्य:
- महिलाओं की मासिक धर्म स्वास्थ्य स्वच्छता (Menstrual Hygiene) को बेहतर बनाना
- गरीब, ग्रामीण और वंचित वर्ग की महिलाओं को सस्ती और सुरक्षित सैनिटरी पैड्स उपलब्ध कराना
- मासिक धर्म से जुड़ी बीमारियों और संक्रमण को रोकना
- महिलाओं में जागरूकता बढ़ाना कि मासिक धर्म के दौरान कपड़े की जगह सुरक्षित नैपकिन का प्रयोग करें
मूल्य और उपलब्धता:
विषय | विवरण |
---|---|
उत्पाद का नाम | जनऔषधि सुविधा सैनिटरी नैपकिन |
मूल्य | मात्र ₹1 प्रति पैड |
उपलब्धता स्थान | पूरे भारत में स्थित प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (PMBJKs) पर |
साइज / पैकिंग | अलग-अलग पैक साइज में उपलब्ध (जैसे 4 पैक, 10 पैक आदि) |
जन औषधि केंद्र कहाँ हैं?
भारत में 10,000+ जनऔषधि केंद्र कार्यरत हैं। ये केंद्र प्रमुख शहरों, कस्बों और गांवों में खुले हैं। आप निकटतम केंद्र खोज सकते हैं:
👉 जनऔषधि केंद्र लोकेटर वेबसाइट
योजना की खास बातें (2025 अपडेट):
- 2025 में इस योजना को और अधिक व्यापक बनाया गया है।
- कई राज्यों में स्कूलों, कॉलेजों और पंचायतों के सहयोग से फ्री या रियायती नैपकिन वितरण भी किया जा रहा है।
- केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर जागरूकता अभियान भी शुरू किए हैं।
महत्वपूर्ण बातें:
- यह योजना 2018 में शुरू हुई थी, और इसे लगातार बढ़ाया जा रहा है।
- पैड्स ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल (oxo-biodegradable) हैं, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान होता है।
- योजना का लाभ बिना किसी आय प्रमाण या दस्तावेज़ के लिया जा सकता है।
यहाँ Janaushadhi Suvidha Oxo‑Biodegradable Pads की गुणवत्ता से जुड़ी जो जानकारी मिलती है, वह नीचे है — साथ ही कुछ संभावित कमियाँ और सुझाव भी:
क्या है दावा किया गया गुण / मानक?
- ऑक्सो‑बायोडिग्रेडेबल सामग्री
जागरूकता रिपोर्टों और सरकारी घोषणाओं में कहा गया है कि ये पैड‑सैनिटरी नैपकिन “ऑक्सो‑बायोडिग्रेडेबल (Oxo‑biodegradable)” सामग्री से बने हैं। - ASTM D‑6954 मानक
विशेष रूप से यह दावा किया जाता है कि ये पैड ASTM D‑6954 मानक (biodegradability test) के अनुरूप बनाये जाते हैं। - विशेष additive
पैड में एक विशेष additive मिलता है जिससे उपयोग के बाद ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर यह बायोडिग्रेडेशन (decomposition) शुरू होता है। - पर्यावरण के अनुकूल होने की घोषणा
ये पैड पारंपरिक पैडों की तुलना में ज़्यादा पर्यावरण के अनुकूल बताए जाते हैं क्योंकि प्लास्टिक की मात्रा कम है और degradation समय कम किया गया है।
संभावित कमियाँ / उपयोगकर्ता अनुभव
- क्षमताएँ सीमित हो सकती हैं
कई उपयोगकर्ता रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर यह बता रहे हैं कि पैड बहुत भारी रक्तस्राव (heavy flow) के समय पर्याप्त अवशोषण (absorbency) नहीं देते। ( - चिपकने की गुणवत्ता, फिट आदि में समानता नहीं
कुछ उपयोगकर्ताओं ने चिपकने (adhesive) की गुणवत्ता, wings आदि फिटनेस को लेकर शिकायत की है। - स्थायित्व / समय
सरकारी दावा है कि ऑक्सो‑बायोडिग्रेडेबल सामग्री ऑक्सीजन से संपर्क में आने पर (discard होने के बाद) समय के साथ degrade होगी। कुछ प्रेस रिपोर्टों में कहा गया है कि ये लगभग 6 महीने में नष्ट हो जाती हैं जब सही परिस्थितियाँ हों (जैसे खुले वातावरण या पर्याप्त ऑक्सीजन)।
लेकिन उपयोगकर्ता अनुभव में कहा जा रहा है कि pad कुछ घंटों के लिए ही पर्याप्त रहती है, खासकर heavy days में।
निष्कर्ष
- Janaushadhi Suvidha ऑक्सो‑बायोडिग्रेडेबल पैड्स स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की दृष्टि से एक सकारात्मक पहल है, खासकर उन इलाकों के लिए जहाँ महँगे ब्रांडेड पैड उपलब्ध नहीं हैं।
- गुणवत्ता (absorbency, चिपकने की क्षमता, आराम) पूरी तरह से उन महँगे ब्रांडों जैसी नहीं लगती है, लेकिन सामाजिक लाभ काफी अधिक है क्योंकि महिलाओं को सस्ती और सुरक्षित विकल्प मिल पा रहा है।
- पर्यावरणीय प्रभाव (biodegradation) का दावा है सही मानकों के अनुसार, लेकिन यह ज़रूरी है कि पैड सही तरह से डाले जाएँ (खुले वातावरण / ऑक्सीजन मिलने वाले स्थान में) ताकि वे degrade कर सकें।